James Watt Biography
भाप इंजन के आविष्कारक जेम्स वाट की जीवनी
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James Watt |
जेम्स
वाट
(James
Watt) एक ऐसे
आविष्कार
थे
जो
वैज्ञानिक
तथा
अभियांत्रिकी
क्षेत्र
में
समन्वित
क्षमता
के
धनी
थे
|
जेम्स
वाट
ने
जो
वाष्प
इंजन
सम्बधी
खोज
की
,उससे
संसार
को
उर्जा
और
ऊष्मा
की
क्षमता
का
परिचय
हुआ
|
औधोगिक
क्रान्ति
लाने
में
वाट
की
यह
खोज
महान
और
उपयोगी
साबित
हुयी
|
आइये
अब
आपको
जेम्स
वाट
(James
Watt) की संघर्ष
भरी
जीवनी
से
रुबुरु
करवाते
है
|
जेम्स
वाट
(James
Watt) का जन्म
स्कॉटलैंड
के
ग्रीनांक
नामक
स्थान
पर
19 जनवरी
1736 को
हुआ
था
|
उनके
पिता
एक
सफल
जलपोत
,भवन
निर्माता
होने
के
साथ
साथ
नगर
के
प्रतिष्टित
व्यक्ति
थे
|
वाट
ने
अपनी
प्रारम्भिक
शिक्षा
गाँव
के
ही
स्कूल
में
की
|
वे
अपने
8 भाई-बहनों
में
छठे
थे
|
कुछ
समय
बाद
ग्रामर
स्कूल
में
दाखिल
होने
के
बाद
उन्होंने
लेटिन
तथा
यूनानी
भाषा
के
साथ
गणित
का
भी
अध्ययन
किया
|
जब
वे
17 वर्ष
के
थे
तब
से
पिता
के
साथ
साथ
वर्कशॉप
में
जाकर
मशीनरी
सम्बन्धी
कार्यो
में
दिलचस्पी
लेने
लगे
थे
|
मशीन
सम्बन्धी
समस्त
छोटे
बड़े
उपकरणों
तथा
जलपोतो
के
अवयवो
में
रूचि
लेने
लगे
|
सर्दी
की
एक
रात
बालक
जेम्स
ने
अंगीठी
पर
चढ़े
पतीले
को
देखा
,जिसका
पानी
उबल
रहा
था
|
जेम्स
ने
देखा
कि
केतली
का
ढक्कन
भाप
की
वजह
से
बार
बार
उपर
उठ
रहा
है
|
उन्होंने
भाप
की
शक्ति
को
पहचानकर
उसका
उपयोग
करने
की
योजना
बनाई
|
1753 में
माता
के
अचानक
देहावसान
तथा
पिता
के
व्यापार
में
घाटे
ने
उनके
जीवन
की
दशा
ही
बदल
दी
|
उन्हें
अपरेंटिस
का
काम
करने
के
लिए
मजबूर
होना
पड़ा
|
इसके
बाद
पेट
भरने
के
लिए
एक
घड़ी
निर्माता
के
यहा
काम
करने
के
साथ
साथ
कई
छोटे
मोटे
कार्य
भी
करने
पड़े
|
1757 में
जेम्स
(James
Watt) ने अपनी
एक
छोटी
सी
वर्कशॉप
बना
ली
,जिसमे
वह
यांत्रिक
उपकरण
ठीक
करने
लगे
|
इसी
बीच
उन्हें
गुप्त
ताप
की
खोज
की
घटना
के
बाद
भाप
शक्ति
सम्बधी
शक्ति
का
ध्यान
हो
आया
|
उन्ही
दिनों
विश्वविद्यालय
में
एक
धीरे
धीरे
काम
करने
वाला
अधिक
इंधन
लेने
वाला
इंजन
मरम्मत
के
लिए
आया
|
जेम्स
ने
इसे
सुधारने
का
बीड़ा
उठाया
और
उन्होंने
उसमे
लगे
भाप
के
इंजन
में
एक
कंसेंन्दर
लगा
दिया
,जो
शून्य
दबाव
वाला
था
जिसके
कारण
पिस्टन
सिलेण्डर
के
उपर
नीचे
जाने
लगा
|
पानी
डालने
की
जरूरत
उसमे
नही
थी
|
शून्य
की
स्थिति
बनाये
रखने
के
लिए
जेम्स
ने
एक
वायुपम्प
लगाकर
पिस्टन
की
पैकिंग
मजबूत
बना
दी
|
घर्षण
रोकने
के
लिए
तेल
डाला
तथा
स्टीम
टाइट
बॉक्स
लगाया
,जिससे
उर्जा
की
क्षति
रुक
गयी
|
इस
तरह
वाष्प
इंजन
का
निर्माण
करने
वाल
जेम्स
वाट
पहले
आविष्कारक
बने
|
जेम्स
वाट
का
जीवन
काफी
संघर्षों
से
भरा
था
उनकी
पहली
पत्नी
का
निधन
हुआ
|
सौभाग्य
से
दुसरी
पत्नी
अच्छी
मिली
|
अपने
इंजन
में
ओर
सुधार
करते
हुए
जेम्स
ने
इसे
खदानों
से
पानी
निकालने
के
काम
में
लिया
|
1790 तक
जेम्स
वाट
(James
Watt) धनवान व्यक्ति
बन
गये
थे
|
जेम्स
ने
अपने
भाप
के
इंजन
में
समय
समय
पर
बहुत
से
सुधार
किये
|
उन्होंने
सेंट्रीफ्युग्ल
गवर्नर
लगाकर
घूमते
हुए
इंजन
की
गति
को
नियंत्रित
किया
|
भाप
के
दबाव
को
दर्ज
तथा
आयतन
के
अनुपात
को
दर्ज
करने
के
लिए
एक
ऐसा
संकेतक
बनाया
जसी
Thermodynamics
कहते
है
|जेम्स
वाट
(James
Watt) ने उनकी
खोजो
के
लिए
रोयल्टी
के
तौर
पर
76 हजार
डॉलर
पेटेंट
लिए
|
धनवान
व्यक्ति
बनने
के
बाद
उन्होंने
अपना
व्यापार
बच्चो
के
हाथो
सौंप
दिया
|
उनकी
रूचि
चित्र
बनाने
में
भी
थी
जीवनकाल
में
उन्हें
1800 में
ग्लास्को
विश्वविद्यालय
ने
डॉक्टर
और
लौज
की
मानद
उपाधि
प्रदान
की
|
1814 में
विज्ञान
अकादमी
में
उन्हें
सम्मानित
किया
|
वृद्धावस्था
में
उन्हें
राजनितिक
विरोधो
के
साथ
साथ
पारिवारिक
दुखो
का
सामना
करना
पड़ा
|
उन्होंने
अपनी
प्रयोगशाला
में
पुरे
आकार
की
पाषाण
प्रतिमाये
बनाने
की
मशीन
का
आविष्कार
किया
था
|
अंतिम
समय
तक
विपुल
सम्पति
के
स्वामी
जेम्स
वाट
शोध
में
लगे
रहे
|
25 अगस्त
1819 में
हेल्थ
फील्ड
में
उनका
निधन
हुआ
|
जेम्स
वाट
(James
Watt) ने निसंदेह
ही
वाष्पशक्ति
का
उपयोग
करने
वाले
वस्तुओ
की
न
केवल
खोज
की
अपितु
वाष्प
की
ऊष्मा
और
उर्जा
से
उसे
बहुउपयोगी
बनाया
|
औधोगिक
दृष्टि
से
उनमे
मशीनरी
सम्बन्धी
सभे
अविष्कार
संसार
में
उनकी
महान
देन
ही
थे
|
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