कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए फंड को मंज़ूर किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने भारत की 2021 की जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये के आबंटन को मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये मंज़ूर किये हैं। यह दोनों कार्य एक साथ किये जायेंगे, यह कार्य अप्रैल, 2020 में शुरू होगा तथा सितम्बर, 2020 में समाप्त हो जायेगा।
राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर
राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर में देश के सभी निवासियों से सम्बंधित बायोमेट्रिक तथा जनसांख्यिकीय डाटा एकत्रित किया जाएगा। देश के प्रत्येक निवासी को राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर में पंजीकृत करवाना आवश्यक है।
इससे पहले 2010 तथा 2015 में राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर को अपडेट किया गया था। 2015 में राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर का डाटा घर-घर जाकर सर्वेक्षण के द्वारा एकत्रित किया गया था। इस बार असम को छोड़कर देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर का डाटा एकत्रित किया जाएगा।
राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर को राष्ट्रीय, राज्य, जिला, उप-जिला तथा स्थानीय स्तर पर तैयार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल भूजल योजना को लांच किया
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल भूजल योजना को लांच कर दिया है, केन्द्रीय कैबिनेट ने इस योजना के लिए 6000 करोड़ रुपये मंज़ूर किये हैं। इस योजना का उद्देश्य जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण पर फोकस करना है। इस योजना का क्रियान्वयन अगले पांच वर्षों में किया जायेगा।
अटल भूजल योजना
देश के बड़े भागों में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के मानस से मंत्रालय ने अटल भूजल योजना का निर्माण किया है, इस योजना का उद्देश्य सामूहिक भागीदारी से देश के प्राथमिक क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन की स्थिति में सुधार लाना है। योजना के तहत चुने गये प्राथमिक क्षेत्र के राज्यों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश शामिल है और इन राज्यों के 78 जिलों में से लगभग 8350 ग्राम पंचायतों के योजना के तहत लाभान्वित होने की आशा है। इस योजना के लिए धन राशि देने का कारण भूजल संचालन हेतु उत्तरदाई संस्थानों को बेहतर बनाना और भूजल प्रबंधन में पानी के उपयोग एवं संरक्षण को बढ़ावा देना है. मंत्रालय की वित्त व्यय समिति योजना के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है मंत्रालय अब मंत्रिमण्डल की अनुशंसा को जल्द सुनिश्चित करेगा।
दिल्ली कैबिनेट ने प्रदूषण पर नई नीति को मंज़ूरी दी
24 दिसम्बर, 2019 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में विद्युत् वाहनों को बढ़ावा दने के लिए नई नीति प्रस्तुत की। इस नीति के तहत सरकार विद्युत् वाहनों के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी।
मुख्य बिंदु
इस नीति का उद्देश्य 2024 नए पंजीकृत वाहनों में 25% विद्युत् वाहन शामिल करना है। इसके अलावा सरकार 250 चार्जिंग स्टेशन निर्मित करने की योजना भी बना रही है। इसमें 20% पार्किंग विद्युत् वाहनों के लिए निर्धारित की जायेगी। इस नीति का निर्माण UNEP (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम), विशेषज्ञों तथा अंतर्राष्ट्रीय परिवहन परिषद् से फीडबैक लेने के बाद किया गया है। इस नीति के पहले ड्राफ्ट को नवम्बर, 2018 में सार्वजनिक किया गया था।
यह नीति दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक है क्योंकि दिल्ली में 80% कार्बन मोनोऑक्साइड, 40% PM 2.5 तथा 80% नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में जीवाश्म इंधन से चलने वाले वाहनों का हिस्सा काफी ज्यादा है।
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