राजस्थान इतिहास
से सबसे अधिक आने वाले प्रश्न
भाग 3
201
|
‘पाथल व पीथल’ कविता
के रचनाकार
|
चूरू के कन्हैयालाल सेठिया
|
202
|
हाड़ी रानी कहाँ की थी
|
सलुम्बर (उदयपुर) के चुण्डावत सरदार की पत्नी
|
203
|
चारुमती
|
किशनगढ़ (अजमेर) की राजकुमारी थी जिसका विवाह
औरंगजेब के साथ तय हो रखा था तथा राजसमन्द के राजा राजसिंह ने अपहरण कर विवाह
किया
|
204
|
पृथ्वीराज चौहान तृतीय के माता व पिता का नाम
|
माता-कर्पूरी देवी / कमला देवी, पिता
सोमेश्वर चौहान
|
205
|
राठौड़ शब्द की उत्पत्ति किस शब्द से हुई है
|
राष्ट्र कूट
|
206
|
रावसीहा किसका पड्पौत्र था ?
|
कन्नौज के जयचंद गहड़वाल का
|
207
|
‘पृथ्वीराज रासो’ को
पूरा करने वाला
|
चंदवरदाई का पुत्र जल्हण
|
208
|
‘वंश भास्कर’ को पुरा
करने वाला
|
सूर्यमल्ल मिश्रण का पुत्र मुरारीदान
|
209
|
कवि बान्धव
|
अजमेर के बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) की उपाधि
|
210
|
‘ललित विग्रहराज’ ग्रन्थ
के रचयिता
|
सोमदेव
|
211
|
हमीर देव चौहान की पत्नी का नाम
|
रंगदेवी
|
212
|
मड़ोर को मारवाड़ की राजधानी किस राठौड़ राजा ने बनाया
|
राव चूंड़ा राठौड़
|
213
|
राणा लाखा की वृद्धावस्था में विवाह
|
जोधपुर की राजकुमारी हंसाबाई (राव चूंड़ा की पुत्री) के
साथ
|
214
|
हशमत वाला शासक
|
फारखी इतिहासकारों ने जोधपुर के राजा मालदेव को कहा
|
215
|
1570 का अकबर दरबार
|
नागौर में लगा
|
216
|
मारवाड़ का भूला बिसरा नायक
|
राव चंद्रसेन
|
217
|
मारवाड़ का प्रताप
|
राव चंद्रसेन
|
218
|
अबुल फजल कहाँ का था
|
नागौर का
|
219
|
अकबर के नवरत्न में शामिल राजस्थानी
|
भगवंत दास (जयपुर), मानसिंह (जयपुर), अबुल
फजल (नागौर)
|
220
|
इन्द्रकुंवरी
|
जोधपुर के राजा अजीतसिंह की पुत्री, जिसका विवाह
मुग़ल बादशाह फर्रुखशियर से हुआ।
|
221
|
दुर्गादास राठौड़ की छतरी
|
उज्जैन में (मध्यप्रदेश)
|
222
|
महाराणा प्रताप की छतरी
|
चावण्ड के पास बाण्डोली गाँव में 8 खम्भों की छतरी (उदयपुर)
|
223
|
जोधपुर के राजाओं की छतरियाँ
|
मण्डोर की छतरी
|
224
|
जयपुर के राजाओं की छतरियाँ
|
गैटोर की छतरियाँ (नाहरगढ़, जयपुर)
|
225
|
कोटा के राजाओं की छतरियाँ
|
क्षारबाग की छतरियाँ
|
226
|
बूंदी के राजाओं की छतरियाँ
|
केसरबाग की छतरियाँ
|
227
|
उदयपुर के राजाओं की छतरियाँ
|
महासतियाँ, आहड़ के पास गंगों गाँव (उदयपुर)
|
228
|
जैसलमेर के राजाओं की छतरियाँ
|
बड़ा बाग़ की छतरियाँ
|
229
|
बीकानेर के राजाओं की छतरियाँ
|
देवकुण्ड की छतरियाँ
|
230
|
जहाँगीर (सलीम) की माँ
|
आमेर की हरका बाई
|
231
|
शाहजहाँ (खुर्रम) की माँ
|
जोधपुर की जगतगुंसाई
|
232
|
खुसरों की माँ
|
जयपुर की मनभावनी/सुल्तान निस्सा
|
233
|
उदयसिंह किसकी सहायता से चित्तोड़ का राजा बना
|
जोधपुर के राजा मालदेव की सहायता से
|
234
|
रणमल की हत्या कहाँ हुई
|
चित्तोडगढ़ में राणा कुम्भा के कहने पर
|
235
|
शाहजहाँ के साले सलावत खां की हत्या
|
नागौर के अमरसिंह राठौड़ ने की
|
236
|
पहौबा का युद्ध
|
1541 ई. में जोधपुर के राजा मालदेव ने
बीकानेर के राजा राव जैतसी को हराया।
|
237
|
‘राव जैतसी रो छन्द’ के
रचयिता
|
बिठू सूजा
|
238
|
कच्छवाह वंश की राजधानी आमेर को किसने बनाया
|
कोकिल देव ने, 1207 ई. में आमेर के मीणाओं को हराकर
|
239
|
मानसिंह की ‘फर्जन्द’ की उपाधि
किसने दी
|
अकबर ने, फर्जन्द का अर्थ है पुत्र
|
240
|
कुलपति मिश्र किसका दरबारी था ?
|
यह बिहारी का भांजा था, जिसने 52 से
अधिक ग्रंथों की रचना की तथा बिहारी की ही भांति मिर्जा राजा जयसिंह का दरबारी
कवि
|
241
|
ईसरलाट
|
जिसे सरगासूली भी कहते है, 1747 ई. के राजमहल युद्ध (टोंक)
में माधोसिंह की संयुक्त सेना को हराने के उपलक्ष पर जयपुर के महाराजा
ईश्वरीसिंह द्वारा निर्मित
|
242
|
हवामहल किसने बनवाया
|
1799 ई. में सवाई प्रतापसिंह ने, जिसकी पाँच मंजिले है – 1 शरद मंदिर, 2 रत्न मंदिर, 3 विचित्र मंदिर, 4 प्रकाश मंदिर, 5 हवा मंदिर। हवामहल के 953 झरोखें व 353 खिड़कियाँ है।
|
243
|
जयपुर को गुलाबी रंग से किसने रंगवाया
|
सवाई रामसिंह द्वितीय ने (1835-1880 के दौरान)
|
244
|
सबसे बड़ा चाँदी का पात्र
|
जयपुर के सिटी पैलेस (चन्द्रमहल) में
|
245
|
सबसे बड़ी पगड़ी
|
बागोर की हवेली (उदयपुर) में
|
246
|
एक जैसे 9 महल
|
नाहरगढ़ दुर्ग (जयपुर) में, माधोसिंह ने अपनी 9 पासवानों के लिए बनवाए
|
247
|
सवाई जयसिंह का वास्तविक नाम
|
विजयसिंह
|
248
|
सिवाणा का युद्ध
|
1307-08, अलाउद्दीन खिलजी ने शीतलदेव को
हराकर सिवाणा दुर्ग का नाम खैराबाद रख दिया
|
249
|
जालौर का युद्ध
|
1311-12, अलाउद्दीन खिलजी ने कान्हाडदे
सोनगरा को हराकर जालौर का नाम जलालाबाद रख दिया।
|
250
|
खातौली का युद्ध
|
1517 ई. में., बूंदी
में राणा सांगा ने इब्राहीम लोदी को हराया।
|
251
|
गागरोन (झालावाड़) का युद्ध
|
1519 ई. में, राणा
सांगा ने महमूद खिलजी द्वितीय को हराया।
|
252
|
‘राज विनोद’ के
रचयिता
|
सदाशिव भट्ट, (16 वीं सदी के सामाजिक स्वरूप के बारे
में)
|
253
|
‘राज वल्लभ’ के
रचयिता
|
मंडन मिश्र (15 वीं सदी की स्थापत्य कला के बारे में)
|
254
|
चंवरी कर कब व किसने
|
1903 ई. में कन्या के विवाह पर वधू पक्ष पर
बिजोलिया के ठाकुर कृष्णसिंह ने 5 रु का चंवरी कर लगाया।
|
255
|
‘उपरमाल पंचबोर्ड’ का
गठन
|
1917 ई. में विजयसिंह पथिक ने, मन्ना पटेल इसके पहले सरपंच थे।
|
256
|
बेगू (चित्तोडगढ़) किसान आन्दोलन
|
1921 ई. में रामनारायण चौधरी के नेतृत्व
में प्रारंभ, मेनाल (भीलवाड़ा) नामक स्थान से
|
257
|
सर्वप्रथम कन्या वध पर प्रतिबंध
|
1834 ई. कोटा में
|
258
|
सर्वप्रथम सती प्रथा पर प्रतिबंध
|
1822 ई. में बूंदी में
|
259
|
सर्वप्रथम डांकन प्रथा पर प्रतिबंध
|
1853 ई. उदयपुर में
|
260
|
सर्वप्रथम मानव व्यापर पर प्रतिबंध
|
1847 ई. जयपुर में
|
261
|
बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना
|
1936 ई. में मघाराम वैध ने कलकत्ता में की
|
262
|
राजस्थान सेवा संघ की स्थापना
|
1919 ई. में वर्धा (महाराष्ट्र) में,
विजयसिंह पथिक, केसरी बारहठ व अर्जुन लाल
सेठी ने। 1920 ई. में इसका मुख्यालय अजमेर में हो गया।
|
263
|
सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित वैधशाला (जंतर-मंतर)
|
5 जगह दिल्ली, जयपुर,
मथुरा, काशी, उज्जैन
|
264
|
‘दा साहब’
|
अजमेर के हरिभाऊ उपाध्याय को
|
265
|
हिन्दी को ‘ईमान की भाषा’
|
जमनालाल बजाज ने कहा
|
266
|
‘वाट आर द इण्डियन स्टेट्स’
|
विजयसिंह पथिक द्वारा रचित पुस्तक
|
267
|
पीप
|
जयनारायण व्यास द्वारा निकाला गया अंग्रेजी भाषा का
समाचार पत्र
|
268
|
आगीबाण
|
जयनारायण व्यास द्वारा निकाला गया राजस्थानी भाषा का
समाचार पत्र
|
269
|
चेतावनी रा चुंगट्या
|
केसरीसिंह बारहठ ने 13 सोरठे उदयपुर के राजा फतेहसिंह को
1903 में दिल्ली में लार्ड कर्जन द्वारा एडवर्ड-7 के सम्राट बनाने की ख़ुशी में आयोजित दिल्ली दरबार में जाने से रोकने हेतु
लिखे। जिन्हें ‘चेतावनी रा चुंगट्या’ के नाम से जाना गया।
|
270
|
जैन वर्धमान विद्यालय
|
जयपुर में, अर्जुनलाल सेठी द्वारा स्थापित
|
271
|
पत्रकारिता के भीष्म पितामह
|
पं. झाबरमल शर्मा
|
272
|
1 नवम्बर 1956 के
पूर्व अजमेर के मुख्यमंत्री
|
हरिभाऊ उपाध्याय (दा साहब)
|
273
|
ब्यावर में सनातन धर्म स्कूल व वर्धा नवभारत विद्यालय की
स्थापना
|
सेठ दामोदर दास राठी ने
|
274
|
तरुण राजस्थान का पूर्व नाम
|
नवीन राजस्थान, 1921, अजमेर से प्रकाशित
|
275
|
‘जेंटलमैन एग्रीमेंट’
|
1942 ई. में जयपुर प्रजामंडल के अध्यक्ष
हीरालाल शास्त्री व जयपुर के प्रधान सर मिर्जा इस्माइल के बीच हुआ समझौता
|
276
|
गुलाम नं. 4
|
जमनालाल बजाज स्वयं को कहते थे। पहला गुलाम-भारतदेश, दूसरा गुलाम –
देशी राजा, तीसरा गुलाम – सीकर राज्य
|
277
|
‘प्रलय प्रतीक्षों नमो नम:’
|
हीरालाल शास्त्री जी का प्रसिद्ध लोकगीत
|
278
|
अजमेर का राजस्थान में विलय
|
1 नवम्बर 1956 को
|
279
|
प्रथम मुख्यमंत्री
|
हीरालाल शास्त्री (30 मार्च 1949 को)
|
280
|
प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री
|
टीकाराम पालीवाल (3 मार्च 1952 को)
|
281
|
प्रथम राज्यपाल
|
गुरुमुख निहालसिंह (1 नवम्बर 1956 को)
|
282
|
प्रथम मुख्यन्यायाधीश
|
कमलकांत वर्मा (29 अगस्त 1949 को)
|
283
|
प्रथम विधानसभा अध्यक्ष
|
नरोत्तम लाल जोशी (31 मार्च 1952 को)
|
284
|
प्रथम विधानसभा उपाध्यक्ष
|
लालसिंह शक्तावत (31 मार्च 1952 को)
|
285
|
प्रथम मुख्य सचिव
|
के. राधाकृष्णन (13 अप्रैल 1949 को)
|
286
|
प्रथम पुलिस महानिदेशक
|
रघुनाथ सिंह (20 जनवरी 1983) इससे
पहले राज्य स्तर पर पुलिस के मुखिया पुलिस महानिरीक्षक कहलाते थे। राजस्थान के
प्रथम पुलिस महानिरीक्षक आर. बनर्जी (7 अप्रैल 1949)
थे।
|
287
|
एकीकरण के सातों चरणों की तिथियाँ
|
|
प्रथम
–
|
18 मार्च 1948 (मत्स्य संघ)
|
|
द्वितीय
|
25 मार्च 1948 (पूर्व राजस्थान)
|
|
तृतीय
|
18 अप्रैल 1948 (संयुक्त राजस्थान)
|
|
चतुर्थ
|
30 मार्च 1949 (वृहद राजस्थान)
|
|
पंचम
|
15 मई 1949 (संयुक्त वृहद राजस्थान)
|
|
षष्ठम
|
26 जनवरी 1950 (राजस्थान संघ)
|
|
सप्तम
|
1 नवम्बर 1956 (राजस्थान)
|
|
288
|
मत्स्य संघ व पूर्व राजस्थान के उद्घाटनकर्ता
|
N.V.गाडगिल, वृहद
राजस्थान के उद्घाटनकर्ता सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।
|
289
|
शांताबाई शिक्षा कुटीर
|
1935 ई. में हीरालाल शास्त्री व उनकी पत्नी
रतन शास्त्री द्वारा स्थापित, वर्तमान नाम – वनस्थली विद्यापीठ
|
290
|
आलमशाही सिक्के
|
महाराजा सालिमसिंह (प्रतापगढ़)द्वारा चलाये गये।
|
291
|
मत्स्य संघ नाम किसने दिया ?
|
के.एम. मुंशी ने
|
292
|
राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष
|
डॉ. फजल अली
|
293
|
राज्य पुनर्गठन आयोग के सचिव
|
वी.पी. मेनन
|
294
|
जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में किसने अपनी ‘राय बहादुर’
की उपाधि लौटा दी
|
जमनालाल बजाज ने
|
295
|
रियासते, ठिकाने, केन्द्रशासित
प्रदेश
|
राजस्थान में, देश आजाद होने के पश्चात् 19 देशी रियासते, 3 ठिकाने/चीफशिफ़/खुदमुख्तियार
(लावा (जयपुर), कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा), नीमराणा (अलवर) तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश
(अजमेर-मेरवाड़ा) था।
|
296
|
किस राजघराने ने प्रजामंडल को संरक्षण दिया
|
जयपुर ने
|
297
|
जैसलमेर प्रजामंडल
|
1945 ई. में मीठालाल व्यास ने जोधपुर में
स्थापना की।
|
298
|
मेवाड़ प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन का उद्घाटनकर्ता
|
25-26 नवम्बर 1941 को
आचार्य कृपलानी
|
299
|
राजस्थान का जलियाँवाला बाग़ हत्याकाण्ड
|
निमूचाणा काण्ड अलवर (14 मई 1925)
|
300
|
बेंगू के किसानों की जाँच के लिए
गठित आयोग
|
ट्रेंच आयोग
|
0 Comments