राजस्थान के
प्रमुख महल
हवामहल
यह पाँच मंजिला इमारत जयपुर
में स्थित हैं। इसका निर्माण प्रतापसिंह ने 1799 में रानियों के लिए बाजार
एवं मेलों के देखने के लिए करवाया था। इस महल की नींव नही रखी हुई हैं। इसकी आकृति
भगवान कृष्ण के मुकुट के समान हैं। इसमें 953 खिड़कियाँ हैं। जिससे चारों
ओर से हवा आती हैं। इसलिए इसको हवा महल कहते हैं।
खेतड़ी महल
यह झुन्झुनू में स्थित हैं।
जिसे राजस्थान का दूसरा हवामहल एवं शेखावाटी का हवामहल कहते हैं। इसका निर्माण
भोपाल सिंह ने 1760 ई. में ग्रीष्म ऋतु में विश्राम हेतु बनवाया था। यह भी भगवान कृष्ण
के मुकुट के समान हैं जो पाँच मंजिला हैं। यहाँ पर स्वामी विवेकानन्द आये थे। अनेक
खिड़कियों और झरोंखों से सुसज्जित खेतड़ी महल के बहुमंजिले भव्य भवन में लखनऊ की
भुलभूलैया और हवामहल की झलक देखने को मिल जाती हैं।
आमेर का महल
आमेर के महल जयपुर में
स्थित हैं। इसका निर्माण मानसिंह ने 1592 में हिन्दू व मुस्लिम शैली
में करवाया। इसके बारे में बिशप हेपर ने कहा “मैंने जो केमलीन में देखा
और अल ब्रह्य के बारे में जो सुना उससे भी बढ़कर ये महल हैं।“
राजमहल
ये उदयपुर के पिछोला झील के
किनारे बने हुये हैं। इसका निर्माण उदयसिंह ने करवाया। तथा इतिहासकार फग्र्यूसन ने
इसे ‘राजस्थान
के विण्डसर महल की संज्ञा दी’। इसके एक तरफ प्रताप सग्रंहालय हैं। जहाँ महाराणा प्रताप
का भाला रखा हुआ हैं।
उदयविलास महल
डूँगरपुर के गैवसागर के तट
पर उदयसिंह द्वारा शाही परिवार के रहने हेतु इसका निर्माण करवाया गया। जूनामहल/जूना पैलेसः- इसका
निर्माण डूँगरपुर में महारावल वीरसिंह ने 12वीं शताब्दी में करवाया जो
कि भित्ति चित्रों के लिए एवं शिशे के कार्य हेतु प्रसिद्व हैं। इसका निर्माण किले
की भाँति किया गया हैं। यह ऐसा महल है जिसकी जमबूत बाहरी दीवारों पर व्यस्त बुर्ज
एवं गुम्बद, खुली
छतें, मौखे
सहित पहरा चैकिंया, परकोटे
में तीरन्दाज के लिए झिरियाँ जिससे सैनिकों के घिर जाने का प्रतिकार किया जा सकता
हैं।
बादल महल
यह जैसलमेर में स्थित हैं। इसका
निर्माण 1884 ई. में सिलावटों द्वारा करवाया गया। यह पाँच मंजिला महल हैं।
जिसमें ताजिया टावर दर्शनिय हैं।
चन्द्रमहल
इसे सिटीपैलेस भी कहते हैं।
जो जयपुर में स्थित हैं। जो वर्तमान समय में जयपुर के राजपरिवार का निवास स्थान
हैं। इसी में एक मुबारक महल हैं। जिसका निर्माण माधोसिंह ने करवाया। यह महल अतिथि
सेवा के लिए बनवाया गया। जिसमें मुगल, राजपूत एवं यूरोपिय शैली का
प्रयोग किया गया हैं।
डीग के महल
डीग(भरतपुर) का पुराना नाम ’दीर्घपुर’ था, जबकि वर्तमान इसे जल महलों
की रानी कहते हैं। डीग के महलों का निर्माण महाराजा सूरजमल ने करवाया, जो महलों एवं फव्वारों के
लिए प्रसिद्व हैं।
अबला मीणी का
महल
यह कोटा में स्थित हैं। इसे
राजस्थान का दूसरा ताजमहल भी कहते हैं। इसका निर्माण दर्रा वन्यजीव अभयारण्य में
मुकन्दरा हिल्स के शिखर पर रावमुकुन्द सिंह द्वारा करवाया गया।
उम्मेद भवन
यह जोधपुर में स्थित हैं।
जिसे छितर पैलेस भी कहते हैं। यह एशिया के भव्य प्रसादों में से एक हैं। यह
यूनानी/इटेलिक व गैथिक शैली में बना हुआ हैं। जिसका निर्माण उम्मेदसिंह ने 1929 ई में अकाल राहत के तहत
करवाया।
काष्ठ का रैन
बसेरा
यह झालावाड़ की कृष्ण सागर
झील के तट पर बना हुआ हैं। यह देहरादून की वन शोध संस्थान द्वारा निर्मित हैं। 1936 में एक उधोग प्रदर्शनी में
से राजन्द्रसिंह ने खरीद कर यहाँ लाकर स्थापित करवाया।
इसका निर्माण गंगासिंह ने
अपने पिता लालंिसंह कि याद में बीकानेर में बनवाया। यह लाल पत्थरों से बना हुआ।
इसमें अनूप संस्कृति लाइब्रेरी व सार्दूल संग्रहालय स्थित हैं। यह महल पूर्णतः
यूरोपिय शैली में बना हुआ हैं।
शीश महल
इसका निर्माण मिर्जा राजा
जयसिंह द्वारा आमेर(जयपुर) के किले में करवाया। इसे दिवान-ए-खास कहते हैं। तथा
महाकवि बिहारी ने इसे ’दर्पण
धाम’ भी
कहा।
एक जैसे नौ
महल
यह नाहरगढ़(जयपुर) में स्थित
हैं। इनका निर्माण माधोसिंह ने अपनी नौ रानियों के लिए करवाया था। जलमहलः- यह जयपुर में स्थित
हैं। इसका निर्माण मानसिंह ने गर्भवती नदी के जल को रोककर मानसागर झील में करवाया।
इसके पास फुलों कि घाटी/कनक वृन्दावन स्थित हैं।
सामोद महलः- जयपुर जिले के
चैंमू शहर से 9 किमी.
दूर यह महल स्थित हैं। जिसे सुल्तान महल भी कहते हैं। यहाँ शिकार के दृश्य व प्रणय
दृश्यों का अंकन हैं। इसलिए राजस्थान में सर्वाधिक फिल्मों की शुटिंग इसी स्थान पर
होती हैं।
राजस्थान के
अन्य प्रमुख महल एवं उनका स्थान
सर्वोत्तम विलास महल = जैसलमेर
राजविलास महल = जैसलमेर
जवाहर विलास महल = जैसलमेर
मानसिंह महल = जालौर
औखा रानी का महल = सिरोही
केसर निवास महल = सिरोही
राजकुमार के महल = उदयपुर
जगनिवास महल/जगमन्दिर = उदयपुर
खुश महल = उदयपुर
मोती महल = उदयपुर
सुख महल = बूँदी
छत्रमहल = बूँदी
रंगविलास महल = बूँदी
पद्मीनी महल = चितौड़गढ़
कुम्भ महल = चितौड़गढ़
गोरा-बादल = चितौड़गढ़
फतेह प्रकाश महल = चितौड़गढ़
बादल महल = डूँगरपुर
एक थम्बिया महल = डूँगरपुर
रंगमहल, अनूप महल, गजनेर महल = बीकानेर
विजय मन्दिर महल, सरिस्का महल, हवा बंगल, अलवर पैलेस = अलवर
जहाँगीर के महल = पुष्कर (अजमेर)
जोगी महल, सुपारी महल = सवाईमाधोपुर
राजमहल, मुबारक महल = टोंक
गुलाब महल, छत्रविलास का जगमन्दिर, अभेड़ा महल = कोटा
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राजस्थान
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राजस्थान
के ऐतिहासिक किले – Rajasthan Ke Aitihasik Kile
आमेर
क़िला जयपुर राजस्थान – Aamer Ka Kila Rajasthan
जूनागढ़
किला बीकानेर, राजस्थान
– Junagarh
Fort Bikaner
दान
चंद चोपड़ा की हवेली कहा है – Danchand Chopra Ki Haveli Kaha Hai
अबली
मीणी का इतिहास – Abli Meeni Ka iItihas
मुबारक
महल टोंक – Mubarak Mahal Tonk
लालगढ़
महल – Lalgarh Mahal
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