समुच्चयबोधक (Conjunction
)
(
क ) विशाल और तमन्ना खेल रहे हैं ।
(
ख ) रोहित ने जल्दी – जल्दी खाना खाया क्योंकि उसे स्कूल जाना था ।
(
ग ) चाय पियोगे या ठंडा ?
(
घ ) उसने कठिन परिश्रम किया परंतु सफल न हो सका ।
उपर्युक्त वाक्यों में और , क्योंकि , या , परंतु शब्द वाक्यों को आपस में जोड़ रहे
हैं ; अत : ये समुच्चयबोधक अव्यय हैं । इन्हें ‘
योज़क ‘ भी कहा जाता है ।
समुच्चयबोधक
के भेद ( Kinds of
Conjunctions )
समुच्चबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं
- ( 1 ) समानाधिकरण समुच्चयबोधक तथा
- ( 2 ) व्यधिकरण समुच्चयबोधक ।
( 1 ) समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय – ये अव्यय दो स्वतंत्र वाक्यों या
वाक्यांशों को आपस में जोड़ते हैं ; जैसे
(
क ) हमें अपने देश , सभ्यता और संस्कृति पर
गर्व है ।
(
ख ) आज वर्षा होगी या आँधी चलेगी ।
समानाधिकरण समुच्चयबोधक के चार भेद हैं –
( क ) संयोजक : और , तथा , अर्थात् , एवं , जोकि शब्द
संयोजक होते हैं ।
( ख ) विकल्पबोधक : या , अथवा , चाहे , अन्यथा , व शब्द
विकल्पबोधक होते हैं ।
( ग ) विरोधबोधक : किंतु , परंतु ,
लेकिन , मगर , पर ,
अपितु और बल्कि शब्द विरोधबोधक होते हैं ।
( घ ) परिणामबोधक : इसलिए , ताकि ,
अत :, नहीं तो आदि शब्द परिणामबोधक होते हैं ।
( 2 ) व्यधिकरण समुच्चयबोधक – ये अव्यय एक या एक से अधिक आश्रित
उपवाक्यों को आपस में जोड़ते हैं ;
(
क ) हमने सोचा कि वह आ जाएगा ।
(
ख ) जल्दी चलो ताकि बस पकड़ सकें ।
(
ग ) वह मितभाषी अर्थात् कम बोलने वाला है ।
चूँकि , क्योंकि
, कि , ताकि , अर्थात्
, जिससे कि , यानी , मानो , तथापि , यद्यपि ,
यदि , तो , चाहो ,
इसलिए आदि शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक शब्द होते हैं ।
कुछ
प्रमुख समुच्चयबोधक ( Some
Important Conjunction )
और, इसलिए,
या, फिर, मगर, तो, क्योंकि , जिससे,
एवं, कि, बल्कि, ताकि, अन्यथा, जैसे, अथवा, पर, अर्थात् ,
परन्तु, मानो, अतः,
नहीं तो तथा, किंतु, तथापि
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