संबंधबोधक Post
Position
संबंधबोधक शब्द अविकारी होते हैं । इन्हें समझने के
लिए निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए
( क ) लक्ष्मण राम के साथ वन गया ।
( ख ) पिता जी राजू के लिए कपड़े लाए हैं ।
(
ग ) वह बुखार के कारण कमजोर हो गया ।
(
घ ) विशाल के समान ईमानदार बनो ।
(
ङ ) घर के आस – पास लोग खड़े हैं ।
(
च ) शिक्षा के बिना मनुष्य पशु है ।
उपर्युक्त वाक्यों में के साथ ,
के लिए , के कारण , के
समान , के आस – पास और के बिना शब्द
संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ संबंध जोड़ रहे हैं ; अतः ये
शब्द संबंधबोधक अव्यय है । संबंधबोधक अव्ययों को यदि वाक्यों से निकाल दें तो
वाक्य बिखर जाते हैं ।
·
( 1 ) सामान्य संबंधबोधक – सामान्य संबंधबोधक अव्यय विभक्ति
रहित होते हैं ; जैसे
(
क ) पांडव वर्षों तक जंगल में भटकते रहे ।
(
ख ) हमारा काम राम भरोसे चल रहा है ।
(
ग ) ज्ञान बिना जीवन व्यर्थ है ।
इन वाक्यों में संबंधबोधक अव्ययों वर्षों तक , भरोसे और बिना के साथ विभक्ति –
चिह्न नहीं है ; अत : ये सामान्य संबंधबोधक
अव्यय हैं ।
( 2 ) विभक्तियुक्त संबंधबोधक – इन अव्ययों के साथ विभक्ति –
चिह्न होते हैं ; जैसे
(
क ) मेरे स्कूल के सामने एक पेड़ है ।
(
ख ) दरवाजे के बाहर कोई खड़ा है ।
(
ग ) वह नाना के यहाँ पढ़ता है ।
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संबंधबोधक अव्ययों से पहले विभक्ति – चिह्न भी
लगे होते हैं , जबकि क्रियाविशेषण शब्दों के साथ विभक्ति –
चिहन नहीं होते ।
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