Viram Chinh (विराम चिन्ह) in
Hindi - परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनका प्रयोग
विराम
का अर्थ है – रुकना या
ठहरना ।
किसी भी
भाषा को बोलते समय बीच – बीच
में या अंत में भी हम कुछ क्षणों के लिए रुकते हैं ; अर्थात्
एक भाव की अभिव्यक्ति के बाद कुछ देर के लिए रुकते हैं । यह रुकना ही ‘ विराम ‘ कहलाता है ।
इस
विराम को प्रकट करने के लिए कुछ चिहनों का प्रयोग किया जाता है जो ‘ विराम – चिह्न ‘
कहलाते हैं ।
हिंदी
में प्रचलित प्रमुख विराम - चिह्न निम्नलिखित हैं :-
- पूर्ण विराम / Full Stop ( । )
- अल्प विराम / Comma ( , )
- अर्ध – विराम / Semi
– colon ( ; )
- प्रश्नवाचक चिह्न / Question Mark ( ? )
- विस्मयसूचक चिह्न / Sign of Exclamation ( ! )
- निर्देशक चिह्न / Dash ( – )
- उद्धरण चिह्न / Inverted Commas ( ‘ ‘ ), ( ”
” )
- योजक चिह्न /Hyphen ( – )
- कोष्ठक चिह्न / Brackets ( ( ) )
- लाघव चिह्न / Sign of Abbreviation (०)
- हंसपद (^)
( 1 ) पूर्ण विराम ( । ) ( Full Stop ) — प्रश्नसूचक वाक्यों को छोड़कर
सभी प्रकार के वाक्यों के समाप्त होने पर पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है ।
इनका चिह्न है : ( । ) ; जैसे-
- ( क ) डॉ ०
राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे ।
- ( ख ) ताजमहल
आगरा में स्थित है ।
( 2 ) अल्प विराम ( , ) ( Comma
) – अल्प
विराम का प्रयोग क्षण मात्र रुकने के लिए वाक्यों के बीच में किया जाता है । का
चिह्न है : ( , ) ; जैसे-
- ( क ) दिल्ली , मुंबई , कोलकाता
और चेन्नई भारत में चार प्रमुख महानगर हैं ।
- ( ख ) 15
अगस्त , 1947 को
भारत आजाद हुआ ।
(
3 ) अर्थ – विराम ( ; ) ( Semi – colon
) — पूर्ण विराम से आधे समय रुकने के लिए अर्ध
– विराम का प्रयोग किया जाता है । सका चिह्न है : ( ; )
; जैसे
- (
क ) मुझे बाजार से दाल और चावल ; फल और सब्जियाँ ; किताबें और
कॉपियाँ खरीदनी हैं ।
- (
ख ) शिक्षा मनुष्य को साक्षर बनाती है ; चरित्र का निर्माण करती है ; नैतिकता
का विकास करती है ।
(
4 ) प्रश्नवाचक चिह्न ( ? ) ( Question Mark ) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है . जैसे –
- (
क ) तुम्हारे स्कूल का क्या नाम है ?
- (
ख ) तुम्हारा घर कहाँ है ?
(
5 ) विस्मयसूचक चिह्न ( ! ) ( Sign of Exclamation ) – विस्मय , शोक , घृणा , हर्ष या आश्चर्य आदि का भाव प्रकट कर के लिए या किसी को संबोधित करने के
लिए विस्मयदसूचक चिह्न ( ! ) का प्रयोग
किया जाता है ; जैसे –
- (
क ) हे ईश्वर ! हमारी
सहायता करो ।
- (
ख ) विशाल ! इधर आओ ।।
(
6 ) निर्देशक चिह्न ( – ) ( Dash ) – किसी के बोले हुए वाक्यों को लिखने के पूर्व कहना , बोलना
, बताना आदि क्रियाओं के बाद तथा निर्देश देने वाले वाक्यों
के बाद निर्देशक चिह्न ( – ) का प्रयोग
किया जाता है ; जैसे –
- (
क ) विशाल– “ तमन्ना ,
तुम क्यों रो रही हो ? ”
- (
ख ) विशाल ने कहा– ” मैं आज
विद्यालय नहीं जाऊँगा । ”
(
7 ) उद्धरण चिह्न ” ( Inverted Commas ) – इसे ‘ अवतरण चिह्न ‘ भी कहा
जाता है ।
उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं
(
अ ) इकहरा अवतरण चिह्न ( ‘ ‘ )
(
ब ) दोहरा अततरण चिह्न (
” ” )
(
अ ) इकहरा अवतरण चिहन ( ‘ ) –इस
चिह्न का प्रयोग कवि या लेखक के उपनाम में , पुस्तकों
, समाचार पत्रों , पत्रिकाओं के नामों
में और सूक्तियों या कहावतों में किया जाता है ; जैसे
- (
क ) वाल्मीकि ने ‘ रामायण ‘ की रचना की ।
- (
ख ) ‘ सत्य की विजय
देरी में होती है । ‘
(
ब ) दोहरा अवतरण चिहन ( ” ” ) –इस
चिह्न का प्रयोग किसी के कहे हुए कथनों को ज्यों – का – त्यों रखने के लिए किया जाता है । जैसे
- (
क ) सुभाषचंद्र बोस ने कहा- “ तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा । “
- (
ख ) गांधी जी ने कहा— “ सत्य ही ईश्वर है । ”
(
8 ) योजक चिह्न ( – ) ( Hyphen ) – इसका प्रयोग दो शब्दों में संबंध प्रकट करने के लिए और युग्म शब्दों के
मध्य किया जाता है ; जैसे –
- सुख – दु : ख ,
- भूखा – प्यासा ,
- स्त्री – पुरुष ,
- माता – पिता ,
- तन – मन ,
- देश – विदेश आदि ।
(
9 ) कोष्ठक चिह्न ( ( ) ) ( Brackets ) – कोष्ठक का प्रयोग अनेक स्थितियों मे किया जाता है ; जैसे
—
क्रमसूचक अंकों व अक्षरों के साथ : ( क ) , ( ख ) , ( ग ) , ( 1 ) , ( 2 ) , ( 3 ) , ( 4 ) अर्थ स्पष्ट करने के लिए ; जैसे
- (
क ) निरंतर ( लगातार ) अध्ययन करो ।
- (
ख ) बराष्ट्रपिता ( गांधी
जी ) का सभी सम्मान करते हैं ।
·
( 10 ) लाघव
चिह्न ( 0 ) ( Sign of Abbreviation ) – शब्दों को संक्षिप्त रूप में लिखने के लिए लाघव चिह्न ( ० ) का प्रयोग किया जाता है ; जैसे:- डॉक्टर डॉ ० पंडित मास्टर मा ० कृपया पृष्ठ उलटिए कृ ० पृ ० उ ० ।
·
( 11 ) हंसपद (^
) ( Sign of Left Out ) — लिखते
समय जब कोई शब्द या शब्दांश छूट जाता है तो यह चिह्न ( ^ )
लगाकर लिख दिया जाता है ; जैसे –
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