वाच्य Voice
वाच्य का शाब्दिक अर्थ होता है – बोलने योग्य या बोलने का विषय ,
परंतु व्याकरण में क्रिया के विधान को वाच्य कहते हैं ।
(
क ) अभिषेक पुस्तक पढ़ता है ।
(
ख ) रोहित नाच रहा है ।
(
ग ) उससे लिखा नहीं जाता ।
(
घ ) विशाल के द्वारा पतंग उड़ाई जा रही है ।
उपर्युक्त वाक्यों में ( क ) और ( ख ) में कर्ता प्रधान है , ( ग ) में भाव प्रधान है और ( घ ) में कर्म
प्रधान है ।
वाच्य
के भेद ( Kinds of Voice )
- वाच्य के तीन भेद हैं ।
- कर्तृवाच्य ( Active Voice )
- कर्मवाच्य ( Passive Voice )
- भाववाच्य ( Impersonal Voice )
( 1 ) कर्तृवाच्य ( Active Voice ) — इसमें कर्ता प्रधान होता है ; अतः क्रिया के लिंग , वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार
होते हैं । कर्तृवाच्य में सकर्मक एवं अकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं का प्रयोग
होता है ; जैसे
(
क ) वह खेल रहा है ।
(
ख ) सुनीता कहानी लिख रही है ।
(
ग ) नीतू हँस रही है ।
इन वाक्यों में ‘
वह , अमिता और रीतू ‘ कर्ता
हैं । वाक्य में इन्हीं के लिंग और वचन के अनुसार क्रिया का प्रयोग किया गया है ;
अत : यहाँ कर्तृवाच्य का प्रयोग है ।
( 2 ) कर्मवाच्य ( Passive Voice )
— इसमें कर्म
प्रधान होता है ; अत
: इसमें क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार होते हैं ; जैसे
(
क ) सुनीता के द्वारा खाना बनाया जाता है ।
(
ख ) नीतू से पुस्तक पढ़ी जाती है ।
( 3 ) भाववाच्य ( Impersonal Voice ) – जिन वाक्यों में क्रिया का भाव प्रधान
होता है , वहाँ ‘ भाववाच्य होता है ;
जैसे
(
क ) मुझसे चला नहीं जाता ।
(
ख ) उससे लिखा नहीं जाता ।
इन वाक्यों में भावों की प्रधानता है । अतः यहाँ भाववाच्य का
प्रयोग है ।
विशेष : 1 . भाववाच्य में कर्ता और कर्म की प्रधानता नहीं होती ।
2. इसमें मुख्यत : अकर्मक क्रिया
का ही प्रयोग होता है ।
3 . प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही
भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं ।
वाच्य
परिवर्तन ( Change of Voice
)
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन
-
कर्तृवाच्य |
कर्मवाच्य |
( क ) अनीता पुस्तक पढ़ती है |
( क ) अनीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। |
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन
-
कर्तृवाच्य |
कर्मवाच्य |
( क ) बालक खेलता है। |
( क ) बालक से खेला जाता है। |
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